शहडोल। थाना धनपुरी में 35 वर्षीय पीडि़ता निवासी देवहरा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अपने देवर के साथ ं हथगला गई थी तथा वापस जाते समय धनपुरी मे कब्रस्तान के आगे जंगल मे देबर मोहन गोड द्वारा हाथ पकड कर बुरी नियत से खीच रहा था । मना करने पर जमीन पर पटक दिया। शोर करने पर आरोपी मौके से भाग निकला था। मामले में टीआई द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाते हुए दबिश दी गइ्र। जहां आरोपी को उसके घर घेराबन्दी कर गिरफ्तार किया जाकर न्यायालय बुढार पेश किया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी में एसआई एल बी तिवारी , प्रधान आरक्षक रामेश्वर पाण्डेय, गिरीश शुक्ला आरक्षक सतीश चौरसिया ,दशरथ प्रजापति ,हरपालसिह,कृष्णचन्द यादव की सराहनीय भूमिका रही ।
बताओ कैसे बरी हुए आरोपी
शहडोल. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्याचार निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन में अधिकारियों की लापरवाही पर कमिश्नर बीएम शर्मा ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा है कि इस बात की जांच कर बताएं कि अत्याचार मामलों में आरोपियों को सजा क्यों नहीं मिलीऔर वे कैसे बरी हो गए। कमिश्नर बीएम शर्मा ने उक्त निर्देश अनुसूचित जाति जन जाति अत्याचार निवारण समिति की संभाग स्तरीय समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिए। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि जाति प्रमाण पत्र और बैंक खातों के कारण पीडि़त व्यक्तियों को राहत राशि के वितरण में विलंब नहीं होना चाहिए। कमिश्नर ने यह भी निर्देश दिए कि बैंक खातों की अनुउपलब्धता राहत राशि के वितरण में बाधक नहीं होना चाहिए। समीक्षा के दौरान बैंक खातों के कारण उमरिया जिलें में 5 अत्याचार पीडि़तों को राहत राशि का वितरण नहीं होने पर कमिश्नर ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा कलेक्टर उमरिया को निर्देशित किया कि वे उक्त पांचों प्रकरणों को स्वयं संज्ञान में लेकर तत्काल राहत राशि का वितरण कराएं। कमिश्नर ने यह निर्देश दिए कि अत्याचार पीडि़तों के प्रकरणों में न्यायालय में गवाही के लिए आने वाले गवाहों के यात्रा भत्ता के भुगतान को और अधिक सरल और सहज बनाया जाए। बैठक में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अत्याचार पीडि़तों के न्यायालयीन प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा के दौरान अनूपपुर जिले के 10 में से 7 प्रकरण उमरिया जिले में 27 में से 9 और शहडोल जिले में 15 में से 1 प्रकरण में आरोपियों को सजा होने पर कमिश्नर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई तथा निर्देशित किया कि जिले में 15 में से 14 आरोपी कैसे बरी हुए, बरी प्रकरणों में लोक अभियोजन अधिकारी विवेचना करके बताएं कि किन कारणों से बड़ी संख्या में आरोपी बरी हुए। कमिश्नर ने कहा कि कहीं आरोपी अनुसंधान की कमी के कारण तो बरी नहीं हुए, बरी होने के कारणों का प्रतिवेदन लोक अभियोजन अधिकारी प्रस्तुत करें। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि जिन प्रकरणों में जो प्रकरण अपील योग्य हैं उन प्रकरणों में तत्काल अपील करें। इस दौरान संभाग भर के कलेक्टर और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
शहडोल। थाना धनपुरी में 35 वर्षीय पीडि़ता निवासी देवहरा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अपने देवर के साथ ं हथगला गई थी तथा वापस जाते समय धनपुरी मे कब्रस्तान के आगे जंगल मे देबर मोहन गोड द्वारा हाथ पकड कर बुरी नियत से खीच रहा था । मना करने पर जमीन पर पटक दिया। शोर करने पर आरोपी मौके से भाग निकला था। मामले में टीआई द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाते हुए दबिश दी गइ्र। जहां आरोपी को उसके घर घेराबन्दी कर गिरफ्तार किया जाकर न्यायालय बुढार पेश किया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी में एसआई एल बी तिवारी , प्रधान आरक्षक रामेश्वर पाण्डेय, गिरीश शुक्ला आरक्षक सतीश चौरसिया ,दशरथ प्रजापति ,हरपालसिह,कृष्णचन्द यादव की सराहनीय भूमिका रही ।
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